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Motilal Nehru National Institute of Technology Allahabad

Prayagraj (U.P) - 211004

Press Briefing

स्टार्टअप के लिए साथ काम करेंगे इविवि और एमएनएनआईटी

इलाहाबाद विश्वविद्यालय और मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद स्टार्टअप के क्षेत्र में साथ काम करेंगे। इसके लिए इविवि के इन्क्यूबेशन सेंटर और एमएनएनआईटी के नवाचार और इन्क्यूबेशन हब एमएनएनआईटी फाउंडेशन के बीच स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। [Amar Ujala 12-07-2024, Page No. 06]


स्टार्टअप-नवाचार पर मिलकर काम करेंगे एयू-एमएनएनआइटी

नवाचार, उद्यमिता विकास एवं स्टार्टअप्स के लिए सहयोगी वातावरण बनाने को लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय और मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद ने हाथ मिला लिया है। इसको लेकर एमएनएनआईटी के इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन हब एमएनएनआईटी फाउंडेशन और इवि के नवकल्पना नवाचार और उद्यमिता फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ। [I Next 12-07-2024, Page No. 04]


स्टार्टअप-नवाचार पर मिलकर काम करेंगे इवि-एमएनएनआइटी

नवाचार, उद्यमिता विकास एवं स्टार्टअप्स के लिए सहयोगी वातावरण बनाने को लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय और मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद ने हाथ मिला लिया है। इसको लेकर एमएनएनआईटी के इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन हब एमएनएनआईटी फाउंडेशन और इवि के नवकल्पना नवाचार और उद्यमिता फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ। [Dainik Jagran 12-07-2024, Page No. 04]


जमीनों के रिकार्ड में हेराफेरी रोकेगी ब्लॉकचेन तकनीक

जमीनों के रिकार्ड में होने वाली हेराफेरी को ब्लॉकचेन तकनीक से रोका जा सकता है। इसका प्रयोग करते हुए जमीनों के रिकार्ड को सुरक्षित रखा जा सकता है। तीन वर्ष पहले देश में इसके प्रयोग की पहल हुई थी। तब इस तकनीक के विशेषज्ञ व स्वांजी यूनिवर्सिटी यूके के प्रोफेसर योगेश कुमार द्विवेदी ने इस पर अपना शोध पत्र लैंड टाइटलिंग नाम से प्रकाशित किया था। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद में ब्लॉकचेन और इसकी उपयोगिता पर कार्यशाला में वह शामिल हुए और अपने अनुभव साझा किए। [Amar Ujala 11-07-2024, Page No. 05] (Workshop)


ब्लाकचेन से रुकेगा जमीन-खरीद फरोख्त में फर्जीवाड़ा

ब्लाकचेन प्रौद्योगिकी का प्रयोग भारत में जमीनों से जुड़े विवादों का स्थायी समाधान निकाला जा सकता है। जहां एक जमीन के कई लोगों के नाम दर्ज होने के मामलों की भरमार है। वर्षों तक ऐसे विवाद कानूनी दांव-पेंच में फंसे रहते हैं और जमीन खरीद-फरोख्त को सत्यापन की एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। ऐसे में ब्लाकचेन प्रौद्योगिकी का प्रयोग भू-अभिलेखों को सुरक्षित, छेड़छाड़ मुक्त और जमीन-खरीद फरोख्त की प्रक्रिया को आसान बना देगा। मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद के स्कूल आफ मैनेजमेंट स्टडीज की ओर से ब्लाकचेन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों पर आधारित कार्यशाला में पहुंचे स्वांसी विश्वविद्यालय यूके के प्रोफेसर योगेश द्विवेदी ने भारत में ब्लाकचेन प्रौद्योगिकी के जरिए भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण को लेकर अध्ययन किया है। [Dainik Jagran 11-07-2024, Page No. 04]


कैंसर कोशिकाओं की पहचान करके कीमोथेरेपी के खतरे घटाएगा लचीला एंडोस्कोप

मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद ने अंगों की अंदरूनी जांच के उपकरण (एंडोस्कोप) का ऐसा गणितीय मॉडल तैयार किया है, जो कैंसर कोशिकाओं की न सिर्फ नजदीक से पहचान करेगा, बल्कि चुनिंदा कोशिकाओं तक ही जरूरी दवाइयं भेजेगा। इससे कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव घटेंगे। इस पेरिस्टाल्टिक एंडोस्कोप का मॉडल गणित विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रमोद कुमार यादव के मार्गदर्शन में शोर्धाा मुहम्मद रोशन ने तैयार किया है। रोशन यहां मैथेमेटिकल साइंस के बॉयो फ्ल्यूड मैकेनिक्स विषय के शोधार्थी हैं। [Amar Ujala 11-07-2024, Page No. 7]


ब्लाक चेन के क्रिप्टोग्राफिक सिद्धांतों को समझाया

मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद में ‘उभरती सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का परिचय : ब्लाकचेन और इसके निहितार्थ’ विषय पर स्पार्क कार्यशाला आयोजित हुई। एमएनएनआइटी के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज और आइआइटी दिल्ली के प्रबंधन अध्ययन विभाग के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि एमएनएनआइटी के निदेशक प्रो. आर.एस. वर्मा ने ब्लाकचेन के संभावित भविष्य के अनुप्रयोग और अनुसंधान पहलू के बारे में बात की। मुख्य वक्ता यूके के प्रो. योगेश कुमार द्विवेदी और कार्यक्रम संयोजक प्रो. जी.पी. साहू तथा डॉ. तृप्ति सिंह ने विचार रखे। [I Next 10-07-2024, Page No. 02]


मूल्यांकन-ग्रेडिंग में छेड़छाड़ रोकेगा एमएनएनआइटी

मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद के विज्ञानी ब्लाक चेन प्रौद्योगिकी की मदद से नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों के सतत मूल्यांकन और ग्रेडिंग में भेदभाव और छेड़छाड़ रोकने व निरंतर निगरानी प्रणाली का विकास करेंगे। इसको लेकर शिक्षा मंत्रालय ने एमएनएनआइटी के स्कूल आफ मैनेजमेंट स्टडीज के प्रो. जी.पी.साहू को महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट सौंपा है। इस प्रोजेक्ट में एमएनएनआइटी के सहयोगी के रूप में आइआइटी दिल्ली, यूनाइटेड किंगडम स्थित स्वांसी यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ शामिल हैं। प्रोजेक्ट को मूर्तरूप देने के लिए एक टीम के रूप में ग्रेडिंग की गुणवत्ता में सुधार और प्रमाण-पत्रों के प्रमाणीकरण को बढ़ाने के लिए माडल विकसित करेंगे, इस माडल को पूरे देश में लागू किया जा सकेगा। [Dainik Jagran 10-07-2024, Page No. 01]


पर्यावरण संरक्षण में वृक्षों का महत्व अहम

एमएनएनआईटी और वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को वन महोत्सव का आयोजन किया गया। निदेशक प्रो. आर.एस. वर्मा ने कहा कि जिस प्रकार बाल जीवन के संरक्षण में माता का महत्व होता है, वैसे ही पर्यावरण संरक्षण में वृक्षों का महत्व भी है। लगभग 1300 प्रजातियों के पौधे रोपे गए। प्रो. एचएस गोयल, डॉ. सिराज आलम, अधिशासी अभियंता मनीष श्रीवास्तव, संजय सिंह, एके सिंह, विकास श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। [Hindustan 07-07-2024, Page No. 06]


वन महोत्सव में लगाए गए पौधे

मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद और वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में वन महोत्सव का आयोजन किया गया। संस्थान के निदेशक प्रो. आर.एस. वर्मा ने पौधे लगाए। कहा सभी एक पौधा मां के नाम जरूर लगाएं। अधिकारियों और कर्मचारियों ने 1300 पौधे लगाए। इस दौरान प्रो. एचएस गोयल, डॉ. सिराज आलम, मनीष श्रीवास्तव, संजय सिंह, ए.के. सिंह, अभयराज सिंह आदि रहे। [Dainik Jagran 07-07-2024, Page No. 04]